"कटु सत्य"

"कटु सत्य"
व्यक्ती अपने जीवन काल का आधा समय







होसियारी चोदने में व्यर्थ कर देता है
😛😛😛😂😭😛
: चु.दाई शुरू करने से पहले
Kumar viswas  version
लड़का :

कोई इसे प्यार कहता है, कोई
इसे लव समझता है, कोई इसे खेल कहता है, कोई इसे रिस्क समझता है,
तू मुझसे दूर कैसी है, मैं तुझसे दूर कैसा हूँ,
ये तेरी चूत समझती है, या मेरा लंड समझता है।

लडकी:

ये तेरा लंड मेरी चूत को तो फाड़ देता है,
चु.दाई करके तू अपना माल झाड देता है,
चु.दाई ख़त्म होने पर मै ढंग से उठ ना पाती हूँ,
कि इतनी देर में तू झंडा फिर से गाड देता है।

लड़का:

चु.दाई एक एहसासों की पावन सी कहानी है,
कि कल उसकी बजाई थी, अभी इसकी बजानी है,
जो मैंने माल झाड़ा है, तेरे लब पर तेरी बुर पर,
जो तू समझे तो अमृत है, जो ना समझे तो पानी है।

लडकी:

ओ मेरी जान मैं तुझसे अभी चु.दवा नहीं सकती,
मेरी अम्मा हैं घर पर, तेरे घर मैं आ नहीं सकती,
किसी भी और दिन का प्लान करके मुझको बतला दे,
मैं कितनी भी करूं कोशिश आज तो आ नहीं सकती।

लड़का:

एक दिन भी बिना चोदे तुझे मैं रह नहीं सकता,
जुदाई को तेरी मैं और मेरा लंड सह नहीं सकता,
तुझे आता हुआ ही देख कर हो जाता है ये टाइट,
फिर उसके बाद बिना चोदे तुझे ये सो नहीं सकता।

फिर लडकी किसी तरह से आ ही जाती है और चु.दाई शुरू हो जाती है। चु.दाई के दौरान मोटे लंड की वजह से चूत फटने पर लडकी चिल्ला उठी:

लडकी:

नहीं बर्दाश्त होता मुझसे, मैं तुमसे ना चु.दाऊंगी,
भले कितना बुला लो, तेरे घर अब मैं ना आउंगी,
कहा था मुठ मार के काम चला ले आज भोसड़ी के,
फटी हुई चूत लेके अपने घर अब कैसे जाउंगी।

लड़का:
ये मेरा लंड तेरी बुर में मचल बैठा तो हंगामा,
जो मैंने ४ धक्के जम के मारे उसपे हंगामा,
कहा था तूने ही तो पेल दो राजा उठा के टांग,
जो मैंने पेल दिया तो क्यों करती हो हंगामा।
Lodu dohe!
चूत जो खोजन मै चला चूत न मिलिया कोए ll
अब जा कर जब चूत मिली लंड खड़ा न होए ll

ऐसा झटका मारिये लंड पे आपा खोए ll
अपने तन मस्ती भरे औरत को सुख होए ll

नंगी लड़की देख कर दिया कबीरा रोए ll
दुई जांघों के बीच में साबित बचा न कोए ll

काल्ह चुदे सो आज चुद आज चुदे सो अब ll
पल में लौड़ा झर जायेगा बोल चुदेगी कब ll

कबीरा खड़ा बाज़ार में लिए लंड को हाथ ll
है चोदन की इच्छा बहुत कोई तो देदो साथ  भाइ इतना दीजिये जितना चूत समाये ll
लंड भी भूखा न रहे चूत न भूखी जाये ll

चूत भरी जब लंड झरा थक थक गए शरीर l
फिर चोदन इच्छा भई कह गए दास कबीर ll

चूत में लौड़ा सब भरे गांड भरे न कोए ll
जो गांड में लंड भरे तो बच्चा काहे होए ll

चूत में तेरी खुजली है लंड में मेरे आग ll
बहुत भयंकर लंड है तू भाग सके तो भाग ll

चूत कहे ललकार के तू क्या चोदे मोए ll
एक दिन ऐसा आएगा जब मै लिलुंगी तोए ll

लौड़ा ऐसा चाहिए जैसा चूत को भाए ll
अंग अंग को चोद कर पानी से भर जाये ll
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय ll
दो बूंद चूत में डालिए नौ माह में बच्चा होए ll